निश्चित ही धूप से बड़ी है भूख। निश्चित ही धूप से बड़ी है भूख।
हारने के बाद भी नाउम्मीद हो उठके फिर से लड़ती हूँ। हारने के बाद भी नाउम्मीद हो उठके फिर से लड़ती हूँ।
क्रूर काल के हाथों ने जब, छीना माँ का साया। एक नन्हा शिशु समझ न पाया, निर्दयी काल की । क्रूर काल के हाथों ने जब, छीना माँ का साया। एक नन्हा शिशु समझ न पाया, न...
आज के इस दौर को शब्दों पर चरितार्थ करने की एक छोटी सी कोशिश की है। आज के इस दौर को शब्दों पर चरितार्थ करने की एक छोटी सी कोशिश की है।
समाज की बुराइयों से दूर एक बेहतर दुनिया का सपना देखती एक कविता समाज की बुराइयों से दूर एक बेहतर दुनिया का सपना देखती एक कविता
करना कृपा हरदम हमपर भगवान, हो आप हमारे शनि देव महान। करना कृपा हरदम हमपर भगवान, हो आप हमारे शनि देव महान।